दिल लगाने में कुछ मज़ा हि नहीं - The Indic Lyrics Database

दिल लगाने में कुछ मज़ा हि नहीं

गीतकार - मुंशी शमसो | गायक - खुर्शीद | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - शहंशाह बाबर | वर्ष - 1944

View in Roman

दिल लगाने में कुछ मज़ा ही नहीं -२
इस ज़माने में
इस ज़माने में जब वफ़ा ही नहीं
दिल लगाने में कुछ मज़ा ही नहींदिलजलों का वो हाल क्या जाने -२
जिसका दिल खुद कभी जला ही नहीं -२
इस ज़माने में
इस ज़माने में जब वफ़ा ही नहीं
दिल लगाने में कुछ मज़ा ही नहींक्यूँ मिटाने को आँधियाँ उठीं -२
आशियाना अभी बना ही नहीं -२
इस ज़माने में
इस ज़माने में जब वफ़ा ही नहीं
दिल लगाने में कुछ मज़ा ही नहींफ़स्ल-ए-गुल आई भी चली भी गई -२
ग़ुँचा-ए-आरज़ू खिला ही नहीं -२
दिल लगाने में कुछ मज़ा ही नहीं