तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई - The Indic Lyrics Database

तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई

गीतकार - इरशाद कामिलो | गायक - राहत फ़तेह अली खान - तुलसी कुमार | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - वन्स अपॉन टाइम इन मुंबई | वर्ष - 2010

View in Roman

पाया मैंने, पाया तुम्हे, रब ने मिलाया तुम्हे
होंठों पे सजाया तुम्हे, नग्में सा गाया तुम्हे
पाया मैंने, पाया तुम्हे, सबसे छुपाया तुम्हे
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हे
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
इश्क मज़हब, इश्क मेरी ज़ात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
सपने तेरी चाहतों के, देखती हूँ अब कई
दिन है सोना और चांदी रात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
चाहतों का मज़ा, फासलों में नहीं
आ छुपा लूँ तुम्हें हौसलों में कहीं
सब से ऊपर लिखा है तेरे नाम को
ख्वाइशों से जुड़े सिलसिलों में कहीं
ख्वाइशे मिलने की तुमसे, रोज़ होती है नई
मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
ज़िन्दगी बेवफा है यह माना मगर
छोड़कर राह में जाओगे तुम अगर
छीन लाऊंगा मैं आसमान से तुम्हें
सूना होगा ना यह, दो दिलों का नगर
रौनके हैं दिल के दर पे, धड़कने हैं सुरमई
मेरी किस्मत भी तुम्हारे, साथ बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
इश्क मज़हब, इश्क मेरी ज़ात बन गई
सपने तेरी चाहतों के, देखती हूँ अब कई
दिन है सोना और चांदी रात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई