ऐ क़ातिब ए तक़ादिर मुजे इताना बता दे - The Indic Lyrics Database

ऐ क़ातिब ए तक़ादिर मुजे इताना बता दे

गीतकार - पं. भूषण | गायक - के एल सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - | वर्ष - 1944

View in Roman

ऐ क़ातिब-ए-तक़दीर मुझे इतना बता दे -२
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू, क्या मैंने किया हैऔरों को खुशी मुझको फ़कत दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म
दुनिया को हँसी और मुझे रोना दिया है
क्या मैंने किया है -२
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू, क्या मैंने किया हैहिस्से में सबके आई हैं...
हिस्से में सबके आई हैं रँगीन बहारें
बद-फ़क़्तियाँ लेकिन मुझे शीशे में उतारें
पीते हैं
पीते हैं रोग रोज़-ओ-शब मुज़्ज़र्रतों की मय
मैं हूँ के सता खून-ए-जिगर मैंने पिया हैक्या मैंने पिया है
क्या मैंने पिया हैथा जिनके दुमक दम से ये आबाद आशियां
हो चहचहाती
हो चहचहाती बुलबुलें जाने गई कहाँ
जुगनू की चमक है न सितारों की रोशनी
इस घुप अंधेरे में है मेरी जान पर बनी
क्या थी
क्या थी
क्या थी बता के जिसकी सज़ा तूने मुझको दीक्या था
क्या था गुनह के जिसका बदला मुझसे लिया हैक्या मैंने किया है
क्या मैंने किया है
क्यों मुझसे ख़फ़ा है तू, क्या मैंने किया है