एक अनोखा गम अनोखी एसआईआई मुसीबत हो गई - The Indic Lyrics Database

एक अनोखा गम अनोखी एसआईआई मुसीबत हो गई

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - नूरजहां | संगीत - के दत्ता | फ़िल्म - नादान | वर्ष - 1943

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एक अनोखा ग़म
एक अनोखा ग़म, अनोखी सी मुसीबत हो गई
हाये, एक अनोखा ग़म, अनोखी सी मुसीबत हो गई
जिन को देखा तक नहीं, उन से मुहब्बत हो गई
हाये, एक अनोखा ग़म ...ख़ाक(?) है दिल को चले जाने का ग़म तो रात-दिन
जब से आई है जवानी, इक मुसीबत हो गई
हाये, एक अनोखा ग़म ...पहले वो हालत कि, अंगारों पे हम ????
अब ज़माना हम पे हँसता है, ये हालत हो गई
हाये, एक अनोखा ग़म ...