वफ़ा के नाम पर मिटाना अगर तुउ आबरु अपनि - The Indic Lyrics Database

वफ़ा के नाम पर मिटाना अगर तुउ आबरु अपनि

गीतकार - जी एस रावल | गायक - मुकेश | संगीत - सोनिक-ओमी | फ़िल्म - लड़की पसंद है | वर्ष - 1971

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वफ़ा के नाम पर मिटना नहीं आया अगर तुझको
तो फिर जिस्म-ए-वफ़ा बाज़ार में क्यूँ बेचती है तूअगर तू आबरू अपनी बचा लेती तो अच्छा था
जो अपनी आग में खुद को जला लेती तो अच्छा था
अगर तू आबरू ...लगा कर आग होंठों से किसी का घर जला देना
किसी की जान जाना और तेरा मुस्करा देना कि तेरा मुस्करा देना
किसी पर जान देकर मुस्करा लेती तो अच्छा था
अगर तू आबरू ...सती तो आन होती है तू उनकी निशानी है
न हरगिज़ भूल बेग़ैरत तू हिन्दोस्तानी है कि तू हिन्दोस्तानी है
अगर तू शर्म को जेवर बना लेती तो अच्छा था
अगर तू आबरू ...