सुनो सुनो एक नया फसाना - The Indic Lyrics Database

सुनो सुनो एक नया फसाना

गीतकार - फैयाज हाशमी | गायक - कानन देवी, असित बरनो | संगीत - कमल दासगुप्ता | फ़िल्म - अरेबियन नाइट्स | वर्ष - 1946

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अ: सुनो सुनो
क्या क्या क्या
एक नया फ़साना
का: सच
अ: हाँ हाँ
एक नया फ़सानासब मिल के ज़रा दिल से
मिल के ज़रा दिल सेसुनो सुनो
एक नया फ़साना
सब मिल के ज़रा दिल से
मिल के ज़रा दिल सेएक ख़ाब की महफ़िल से मैं लाया हूँ एक गीत सुहाना
सुहाना गीत सुहाना
ख़ाब की बातें कुछ न छुपाना
का: हूँ हूँ कुछ न छुपाना
अ: जो भी देखा है सुनाना सुनाना
दो: जो भी देखा है सुनाना सुनाना
का: हँसते हँसते
गाना गाना
दिल रोता है अपना
फिर भी चाहते हैं मुस्काना
हँसी की गहरी में हाय
दर्द-ओ-ग़म को डुबाना
आँख से जो कुछ देखा
उसको बना दो आज तराना
उसको बना दो बना दो आज तराना
हँसते हँसते
गानाअ: मैंने देखा ख़ाब में
एक निराला जहाँ -२
( झुकते नहीं हैं सर वहाँ
का: डरते नहीं हैं सर वहाँ ) -२
मैंने देखा ख़ाब में
एक निराला जहाँ -२अ: ( हुस्न भरी एक ज़मीं
का: हुस्न भरा है आसमाँ ) -२
अ: इश्क़ के साये तले
ज़िंदगी का कारवाँ -२
का: मैंने देखा ख़ाब में
अ: मैंने देखा ख़ाब में
दो: मैंने देखा ख़ाब में
एक निराला जहाँ -२