मेरी क़िस्मत में तु नहिन शायादी - The Indic Lyrics Database

मेरी क़िस्मत में तु नहिन शायादी

गीतकार - अमीर क़ज़लबाशी | गायक - लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रेम रोग | वर्ष - 1982

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सु: मेरी क़िसमत में तू नहीं शायद
क्यों तेरा इंतज़ार करता हूँ
मैं तुझे कल भी प्यार करता था
मैं तुझे अब भी प्यार करता हूँ
ल: आऽ
आज समझी हूँ प्यार को शायद
आज मैं तुझको प्यार करती हूँ
कल मेरा इंतज़ार था तुझको
आज मैं इंतज़ार करती हूँ
सु: मेरी क़िसमत में तू नहीं शायद

ल: आऽ
सु: सोचता हूँ कि मेरी आँखों ने
क्यूँ सजाये थे प्यार के सपने
तुझसे माँगी थी इक ख़ुशी मैंने
तूने ग़म भी नहीं दिये अपने -२
ज़िंदगी बोझ बन गयी अब तो
अब तो जीता हूँ और न मरता हूँ
मैं तुझे कल भी प्यार करता था
मैं तुझे अब भी प्यार करता हूँ
मेरी क़िसमत में तू नहीं शायद
ल: आऽअब न टूटें ये प्यार के रिश्ते -२
अब ये रिश्ते सम्भालने होंगे
मेरी राहों से तुझको कल की तरह
दुख के काँटे निकालने होंगे -२
मिल न जायें ख़ुशी के रस्ते में
ग़म की परछाइयों से डरती हूँ
कल मेरा इंतज़ार था तुझको
आज मैं इंतज़ार करती हूँ
आज समझी हूँ प्यार को शायदसु: दिल नहीं इख़्तियार में मेरे
जान जायेगी प्यार में तेरे
ल: तुझसे मिलने की आस है आ जा
मेरी दुनिया उदास है आ जा -२
सु: प्यार शायद इसी को कहते हैं
हर घड़ी बेक़रार रहता हूँ
ल: रात-दिन तेरी याद आती है
रात-दिन इंतज़ार करती हूँ
सु: मेरी क़िसमत में तू नहीं शायद
क्यों तेरा इंतज़ार करता हूँ
ल: मैं तुझे प्यार प्यार करती हूँ
सु: मैं तुझे प्यार प्यार करता हूँ
ल: मैं तुझे प्यार प्यार करती हूँ