छिन के दिल क्यों फेर लिन आंखें - The Indic Lyrics Database

छिन के दिल क्यों फेर लिन आंखें

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चांदनी रात | वर्ष - 1949

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र : छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें
जान गये हम जान गये
लाख अदायें देखने वाले
ये भी अदा पहचान गयेहम हैं तुम्हारे चाहने वाले
हमको न तुम बरबाद करो
दिल ने किया था दिल से जो वादा
याद करो हाँ याद करो
हाय ज़रा सी बात का बोलो
आज बुरा क्यूँ मान गयेआँख में शोख़ी दिल में मुहब्बत

दिल है कहीं नज़रें हैं कहीं
ऐसे चले हो भेद छुपाकर
जैसे हमें मालूम नहीं
तुमको क़सम है अब ना सताओ
आज तुम्हें हम मान गये
छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें
जान गये हम जान गयेश : हो ना कहीं
बदनाम मोहब्बत
देखो-देखो
ज़ुबाँ से
कुछ ना कहो -२
प्यार का नग़मा हमको सुना के
लूटने वाले तुम ही कहो
तुमने हमें पहचान लिया तो
हम भी तुम्हें पहचान गयेदो : छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें
जान गये हम जान गये