रंगीला रे, तेरे रंग में, यूँ रंगा है, मेरा मन - The Indic Lyrics Database

रंगीला रे, तेरे रंग में, यूँ रंगा है, मेरा मन

गीतकार - नीरज | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - प्रेम पुजारी | वर्ष - 1970

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रंगीला रे, तेरे रंग में, यूँ रंगा है मेरा मन
छलिया रे, ना बुझे है किसी जल से ये जलन
पलकों के झूले से सपनों की डोरी
प्यार ने बांधी जो, तूने वो तोड़ी
खेल ये कैसा रे, कैसा रे साथी
दीया तो झूमें है, रोये है बाती
कहीं भी जाये रे, रोये या गाये रे
चैन ना पाये रे हिया, वाह रे प्यार वाह रे वाह
दुःख मेरा दुल्हा है, बिरहा है डोली
आँसू की साड़ी है, आहों की चोली
आग मैं पिऊँ रे जैसे हो पानी
नारी दीवानी हूँ पीड़ा की रानी
मनवा ये जले है, जग सारा छले है
साँस क्यों चले है पिया, वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे रंगीला
मैंने तो सींची रे तेरी ये राहें
बाँहों में तेरी क्यों औरों की बाँहें
कैसे तू भूला वह फूलों सी रातें
समझी जब आँखों ने आँखों की बातें
गाँव भर छूटा रे, सपना हर टूटा रे
फिर भी तू रूठा रे पिया, वाह रे प्यार वाह रे वाह