टूट गे सब सपने मेरे - The Indic Lyrics Database

टूट गे सब सपने मेरे

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - के एल सहगल | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - परवाना | वर्ष - 1947

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टूट गये सब सपने मेरे, टूट गये
टूट गये सब सपने मेरे
यह दो नैना सावन भादों, बरसे शाम सवेरेदर्द लगी पर ठेस लगायी टूटा जो दिल आवाज़ यह आयी (२)
सुख की तमन्ना करने वाले सुख नहीं भाग तेरे
टूट गये सब सपने मेरे
यह दो नैना सावन भादों, बरसे शाम सवेरे
टूट गये सब सपने मेरेदुःख के सताये सुख के दीवाने देख रहे थे ख़्वाब सुहाने (२)
आँख खुली तो आस के बदले यास खड़ी थी घेरे
टूट गये सब सपने मेरे
यह दो नैना सावन भादों, बरसे शाम सवेरे
टूट गये सब सपने मेरे