तनातन बज गई घंटी साजन अल्लाह मेहरबां तो - The Indic Lyrics Database

तनातन बज गई घंटी साजन अल्लाह मेहरबां तो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अजीज, मनहर उधास | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - वतन के रखवाले | वर्ष - 1987

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टनाटन
टनाटन टनाटन बज गई घंटी सजन
ओ टनाटन टनाटन
प्यार रुकता है कहाँ करे कोई लाख जतन
मर्ज़ी है उसकी तो मिलें क्यों न मेरी जान
ए ( अल्लाह मेहरबान तो
टनाटन ) -२हम कौन हैं हम क्या हैं हमने तो यही जाना
हम भी तेरे आशिक़ हैं दिल भी तेरा दीवाना
लोगों मेरे मजनूं को डण्डे से नहीं मारो
बस एक यही तो है अब हुस्न का परवाना
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को
आज उड़ा दो हवा में मेरे परवाने को
हो क्या ये बिगाड़ेंगे मेरा मैं तो हूँ तूफ़ान
आहा अल्लाह मेहरबान तो ...ओ अब प्यार करें आओ समझो भी इशारों को -२
सुनो गज़ल क्या गाए समय गुज़रता जाए
मुद्दत में मिला मौक़ा हम जैसे बेचारों को
अब लोग तो दुनिया के कुछ भी तो नहीं कहते
हँसते हैं खड़े हम पर अरे हँसने दो गंवारों को
अरे तेरे लिए हम ऐ सनम क्यों हैं परेशान
अल्लाह मेहरबान तो ...क्या बात नहीं जानम हम दर्द के मारों में
इक दो से बुरे हैं तो अच्छे हैं हज़ारों में
अनहोनी को होनी कर दें होनी को अनहोनी
एक जगह जब जमा हों तीनों पोम्पोम पोम्पोम एन्थोनी
अरे कौन यहाँ है हमें सबकी है पहचान
आहा अल्लाह मेहरबान तो ...