परवाने ओ परवाने दो दिन की जवानी है - The Indic Lyrics Database

परवाने ओ परवाने दो दिन की जवानी है

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - नाज़नीन | वर्ष - 1951

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परवाने ओ परवाने दो दिन की जवानी है
जल जा तू मुहब्बत में यह आग पुरानी है
मुझसे न बचा दामन दिल है तेरा दीवाना
छुप-छुप के मेरा मिलना मिल-मिल के बिछड़ जाना
इक राज़ है उल्फ़त का तू जिसकी निशानी है
अब दूर न हो मुझसे बस कर मेरी साँसों में
नज़रों से मिला नज़रें और देख इन आँखों में
कुछ तेरा फ़साना है कुछ मेरी कहानी है
आ गए दिल में तुम