दुनिया ना भाए मोहे - The Indic Lyrics Database

दुनिया ना भाए मोहे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - बसंत बहार | वर्ष - 1956

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दुनिया ना भाये मोहे अब तो बुला ले
चरणों में, तेरे चरणों में
मेरे गीत मेरे संग सहारे
कोई ना मेरा संसार में
दिल के ये टूकड़े कैसे बेच दूँ
दुनिया के बाज़ार में
मन के ये मोती रखियो तू संभाले
चरणों में, तेरे चरणों में
सात सूरों के सातों सागर
मन की उमंगों से जागे
तू ही बता मैं कैसे गाऊँ
बहरी दुनिया के आगे
तेरी ये बीना अब तेरे हवाले
चरणों में, तेरे चरणों में
मैने तुझे कोई सुख ना दिया
तूने दया लुटाई दोनों हाथों से
तेरे प्यार की याद जो आए
दर्द छलक जाए आँखों से
जीना नहीं आया मोहे अब तो छुपा ले
चरणों में, तेरे चरणों में