उमर हुई तुमसे मील फिर भी जाने क्यों - The Indic Lyrics Database

उमर हुई तुमसे मील फिर भी जाने क्यों

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर, हेमंत कुमार | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - बहुरानी | वर्ष - 1963

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ल : उम्र हुई, तुमसे मिले, फिर भी जाने क्यों
ऐसे लगे जैसे पहली बार मिले हैं
हे : उम्र हुई, बाग सजे, फिर भी जाने क्यों
ऐसे लगे फोओल पहली बार खिले हैंल : रूप जगा यूँ, बिन सँवारे साजना, मैं सँवर गैइ -२
आज लगा यूँ, आज लगा यूँ,
मोतियों से मेरी माँग भर गैइ
कजरा छलके, अचरा ढलके,
ऐसे लगे जैसे पहली बार मिले हैंहे : संग तुम्हारा, मेरी ज़िन्दगी को रास आ गया -२
पा के सहारा, पा के सहारा,
दूर थ्हा मैं, अपने पास आ गया
दुनिया सारी, लागे न्यारी,
ऐसे लगे जैसे पहली बार मिले हैंल : झूम उठा तन, मन में एक ऐसी बात आ गैइ -२
जिसकी थी लगन, जिसकी थी लगन
आज वो मिलन की रात आ गैइ
अलके लहके, अखियाँ बकहे
ऐसे लगे जैसे पहली बार मिले हैं