मुहब्बत दिल के बस इतने से अफ़्साने को कहते हैं - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत दिल के बस इतने से अफ़्साने को कहते हैं

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - तलत महमूद, शमशाद बेगम | संगीत - मोहम्मद शफी | फ़िल्म - मंगु | वर्ष - 1954

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मुहब्बत दिल के बस इतने से अफ़्साने को कहते हैं
किसीकी इक अदा पर दिल के आ जाने को कहते हैं
मिला कर आँख आँखें फेर लेना और तड़पाना
किसीके दिल की बेचैनी को दुनिया ने नहीं जाना
मुहब्बत हुस्नवाले दिल के तड़पाने को कहते हैं
निभाएं उम्र भर दोनों बला से जगहँसाई हो
तड़प कर जान दे दें ग़र नसीबों में जुदाई हो
मुहब्बत साथ जीने साथ मर जाने को कहते हैं