तेरी गठारी में लागा चोर मुसाफिर जाग ज़रा मन्ना दे - The Indic Lyrics Database

तेरी गठारी में लागा चोर मुसाफिर जाग ज़रा मन्ना दे

गीतकार - पं सुदर्शन | गायक - मन्ना दे | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1987

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( तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा ) -२
तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर( आज ज़रा सा फ़ितना है ये
तू कहता है कितना है ये ) -२
( दो दिन में ये बढ़ कर होगा
मुँह-फट और मुँह-ज़ोर ) -२मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा
( तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा ) -३नींद में माल गँवा बैठेगा -२
( नींद में माल गँवा बैठेगा
अपना आप लुटा बैठेगा ) -२
फिर पीछे कुछ नहीं बनेगा
( फिर पीछे कुछ नहीं बनेगा
लाख मचाये शोर ) -२मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा
तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा
तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर
गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर
गठरी में लागा चोर मुसाफ़िर जाग ज़रा
जाग ज़रा
तेरी गठरी में लागा चोर
चोर