इश्क में मेरे रब्बा जाने मैं क्या कर जाता - The Indic Lyrics Database

इश्क में मेरे रब्बा जाने मैं क्या कर जाता

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - सनम | वर्ष - 1997

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इश्क़ में मेरे रब्बा जाने मैं क्या कर जाता
तुझसे प्यार न करता तो शायद मैं मर जाताइश्क़ में मेरे रब्बा जाने मैं क्या कर जाती
तुझसे प्यार न करती तो शायद मैं मर जातीतेरे लिए पागल दीवाने मैं जितनी दीवानी थी
तुझको अपना मान लिया था दुनिया से बेगानी थी
मैं तो कोरा कागज़ तू मेरी प्रेम कहानी थी
साँसों में तेरी प्यास छुपी थी तू मेरी ज़िंदगानी थी
तेरे बिना जीना नहीं
इश्क़ में मेरे रब्बा ...कैसे बताऊं बिन तेरे मेरी कैसे रात गुज़रती थी
ख्वाबों में खोई रहती थी खुद से बातें करती थी
तेरे बिना मेरे होंठों पे और किसी का नाम न था
इक बेचैनी सी रहती थी और कहीं आराम न था
तू है जहाँ मैं हूँ वहीं
इश्क़ में मेरे रब्बा ...