चलो चलें दुउर कहीं प्यार के ली ये जगह ठिक नहीं - The Indic Lyrics Database

चलो चलें दुउर कहीं प्यार के ली ये जगह ठिक नहीं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - सिंदूर | वर्ष - 1987

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सुनो जी कहो जी
हो कोई आता है कोई जाता है
आने जाने वालों से जी घबराता है
चलो चलें दूर कहीं
प्यार के लिए ये जगह ठीक नहीं
चलो चलें दूर ...दिल न लगे इस शहर में मेरा किसी पर्वत पर डाल दें डेरा
जंगल में कर लें बसेरा डूब के नहीं तो मर जाएं कहीं
प्यार के लिए ये जगह ...रह गए पीछे दुनिया के मेले
यहां नहीं कोई हम हैं अकेले
दिल भी क्या है चीज़ मेरी जान ले ले
ऐ बाबू माचिस है
कोई आ जाए क्या है यकीं
प्यार के लिए ये जगह ...मुश्किल से मिली हैं ये तन्हाइयां
लेने दो अब प्यार की अंगड़ाइयां
कोई आ रहा है हो जाए न रुसवाइयां
ऐ mister timeक्या हुआ
इस कम्बख्त को आना था यहीं
प्यार के लिए ये जगह ...