दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं - The Indic Lyrics Database

दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं

गीतकार - | गायक - कुमार शानू, सहगान | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - चाहत | वर्ष - 1996

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को: आऽकु: हो दिल की तन्हाई को
दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं
दर्द जब हद से गुज़रता है तो गा लेते हैं -२
दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं
दर्द जब हद से गुज़रता है तो गा लेते हैं -२
हाँ गा लेते हैं उ.म -२
को: आऽकु: आपके शहर में हम ले के वफ़ा आये हैं
मुफ़लिसी में भी अमीरी की अदा लाये हैं -२
हो जो भी भाता है ओ
जो भी भाता है उसे अपना बना लेते हैं
दर्द जब हद से गुज़रता है तो गा लेते हैं -२
हाँ गा लेते हैं उ.म -२
को: आऽकु: ए हे ला ला ला
उं हूँ आ हा हा
हुस्न वालों में ये मशहूर आदत अपनी
हर किसी से कहाँ मिलती है तबीयत अपनी
होऽ प्यार मिलता है ओऽ
प्यार मिलता है जहाँ सर को झुका लेते हैं
दर्द जब हद से गुज़रता है तो गा लेते हैं -२
हाँ गा लेते हैं उ.म -२दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं
दर्द जब हद से गुज़रता है तो गा लेते हैं -२
को: आऽ