माथे पे चमके इसके मेरा यार दिलदार बड़ा सोना - The Indic Lyrics Database

माथे पे चमके इसके मेरा यार दिलदार बड़ा सोना

गीतकार - समीर | गायक - सुखविंदर सिंह, अलका याज्ञनिक, सोनू निगम, जसपिन्दर नरूला | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - जानवर | वर्ष - 1999

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चिका चिका चिक चिक
माथे पे चमके इसके सूरज की लाली
होंठों से छलके देखो मस्ती की प्याली
बलखाए ऐसे जैसे चम्पा की डाली
इसकी अदाएं सारे जग से निराली
मेरा यार दिलदार बड़ा सोणा
मैं देखूं बार बार इसकोकिरणें लुटाएं देखो चारों दिशाएं
खुश्बू का झोंका ले के आएं हवाएं
चाहत के रंगों से हैं रंगीं फ़िज़ाएं
सारे जहाँ से कहती मेरी निगाहें
मेरा यार दिलदार बड़ा सोणा
मैं दे दूं सारा प्यार इसकोमाही मेरा माही मेरी जिंद मेरी जान वे
तेरी इस अदा पे हो गया मैं क़ुर्बान वे
चिका चिका चिक चिकगोरे गोरे रंग इसके नीले नीले नैना
देखे बिना अब तो कहीं आए नहीं चैना
हाय रेशम जैसे अंग इसके गेसू जैसे बादल
दिल को दीवाना करे धानी धानी आँचल
शोख बहारों सी लगती है इसकी हर अंगड़ाई
हो मेरा यार दिलदार ...ढोल सजणा है दुनिया बड़ी बेपीर वे
बिछड़ेगी रांझणा से कभी भी न हीर वेशहनाई की सरगमों सी मीठी तेरी बातें
देखूं मैं ख्वाबों में शादी डोली बारातें
यारा तेरे साथ मेरी शाम है सिंदूरी
ना तो कोई प्यास है ना चाहत है अधूरी
सौं रब दी इक पल भी अब तो सहनी नहीं जुदाई
मेरा यार दिलदार ...