चाँद सितारे फूल कुशबु ताज़ा ताज़ा कली खिलि है - The Indic Lyrics Database

चाँद सितारे फूल कुशबु ताज़ा ताज़ा कली खिलि है

गीतकार - सावन कुमार | गायक - कुमार सानू | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - | वर्ष - 1999

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हूं हूं हूं हूं हूं हूं हूं
चाँद सितारे फूल खुश्बू ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उसके दीवाने हैं
अरे काली घटाएं बरखा सावन हो
काली घटाएं बरखा सावन ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...अंदाज़ हैं उसके नए नए नया नया दीवानापन ओ
पहना है ताज़ जवानी का हँस के लौट गया बचपन
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें हो
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें उसके नए तराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...है रूप में इतना सादापन तो कितना सुंदर होगा मन हो
बिन गहने और सिंगार बिना वो तो लगती है दुल्हन
काजल बिंदिया कंगन झुमके ओ
काजल बिंदिया कंगन झुमके ये तो गुज़रे ज़माने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...