तुम ही मेरे मंदीर, तुम ही मेरी पूजा - The Indic Lyrics Database

तुम ही मेरे मंदीर, तुम ही मेरी पूजा

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - खानदान | वर्ष - 1965

View in Roman

तुम ही मेरे मंदिर, तुम ही मेरी पूजा, तुम ही देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे के तुम मेरे क्या हो
जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन ख़यालों में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो
नहीं तो मैं समझुंगी मुझसे खफा हो
तुम ही मेरे माथे की बिंदीयां की झिलमिल
तुम ही मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल
मैं हूँ एक छोटीसी माटी की गुड़ियाँ
तुम ही प्राण मेरे, तुम ही आत्मा हो
बहोत रात बीती, चलो मैं सुला दूँ
पवन छेड़े सरगम, मैं लोरी सुना दूँ
तुम्हे देखकर ये ख़याल आ रहा है
के जैसे फरिश्ता कोई सो रहा हो