ये हवा ये समा चाँदनी है जवाँ - The Indic Lyrics Database

ये हवा ये समा चाँदनी है जवाँ

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - शगूफा | वर्ष - 1953

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ये हवा ये समा चाँदनी है जवाँ
तुम्हें लायी मेरी फ़रीयाद यहाँ
(मेरे दर्द-ए-जीगर है ये तेरा असर
बाद मुद्दत के उनसे मिली है नज़र )
मेरे दिल से उठा, आहों का धुँआ
तुम्हें लायी मेरी /थ्रीदोत्स
तेरे आने से दिल की कली खिल गयी
आ आ आ आऽ
तेरे आने से दिल की कली खिल गयी
ज़िंदगी की क़सम ज़िंदगी मिल गयी
है नई ये ज़मीं है नया आस्माँ
तुम्हें लायी मेरी /थ्रीदोत्स
तुम न आते अगर मेरे अच्छे सनम
रूठ जाते ज़माने की मह्फ़ील से हम )
ढूँढते तुम अगर मिलता ना निशाँ
तुम्हें लायी मेरी /थ्रीदोत्स$