दर्द की ऐ रात गुज़र जा - The Indic Lyrics Database

दर्द की ऐ रात गुज़र जा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बागी | वर्ष - 1953

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दर्द की ऐ रात गुज़र जा
ऐ दिल-ए-बेताब ठहर जा
बहकी-बहकी ठंडी हवा तारों पे आवारा घटा
चाँद से पर्दा सा हटा यूँ जैसे कोई आ गया
ऐ मेरी दुनिया सँवर जा
ऐ दिल-ए-बेताब ठहर जा
आ मेरे मेहबूब आ एक गीत गाने के लिए
हसरतों की अरमानों की दुनिया पे छाने के लिए
दिल मेरा आबाद कर जा
ऐ दिल-ए-बेताब ठहर जा