दर्द के रिश्ते न कर डाले उसे बेकल कहीं - The Indic Lyrics Database

दर्द के रिश्ते न कर डाले उसे बेकल कहीं

गीतकार - अब्दुल हई अंजुम | गायक - हरिहरन | संगीत - हरिहरन | फ़िल्म - हाज़िर | वर्ष - 1992

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दर्द के रिश्ते न कर डाले उसे बेकल कहीं
हो गई इस साल भी कुछ बस्तियां जल-थल कहीं
रात की बेरंगीओं में हम बिछड़ जाए ना दोस्त
हाथ मेरे हाथ में दे और यहाँ से चल कहीं
आज सूरज खुद ही अपने रौशनी में जल गया
कह रहा था राज़ की ये बात एक पागल कहीं
ये ख़बर होती तो करता कौन बारिश की दुआ
प्यास से हम मर गए रोता रहा बादल कहीं