ये हसीन शाम - The Indic Lyrics Database

ये हसीन शाम

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - तीरंदाज़ | वर्ष - 1955

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ये हसीन शाम गर्दिश में जाम मेह्फ़िल में रंग छया
जो है दिल का नूर उस का हुज़ूर आख़िर सलाम आया
ये हसीन शाम गर्दिश में जाम मेह्फ़िल में रंग छया
जो है दिल का नूर उस का हुज़ूर आख़िर सलाम आया
सलाम आया सलाम आया सलाम आया
आ आ आ
जागी उम्नग बजने दे चँग बेह्ने दे र्ऽन्ग साक़ी
जागी उम्नग बजने दे चँग बेह्ने दे र्ऽन्ग साक़ी
ख़ुसिहियोन क दौर चलने दे और हस्रत रहे न बाक़ी
आ आ आ
है शाद शाम मेह्फ़िल तमाम क़ासिद पयाम लाया
जो है दिल का नूर ...
आ आ आ
पेह्लू नशीन अब वो हसीन वो माहताब होगा
पेह्लू नशीन अब वो हसीन वो माहताब होगा
जिस्का हिजाब जिसका शबाब बस लाजवाब होगा
को: आ आ आ
बेइख्तिआर होंथों पे यार तेरा ही नाम अया
जो है दिल क नूर्….$