हमने की आरज़ू तो हमें क्या मिला - The Indic Lyrics Database

हमने की आरज़ू तो हमें क्या मिला

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - शंकर, बाबुल | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - ये क्या हो रहा है | वर्ष - 2002

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हमने की आरज़ू तो हमें क्या मिला
ओ प्यार की मंज़िलें पाएगा दिल तेरा
झूठे सारे ख्वाब हमें ना दिखा
सच्चे तेरे ख्वाब हैं पल दो पल ठहर जा
हो हमने की आरज़ू ...नदियां खुद चल के प्यासों के पास आएँगी
बन के काली घटा ज़ुल्फ़ें लहराएँगी
नदियां आते आते रस्ता बदल जाती हैं
बदलियां बरसे बिन आगे निकल जाती हैं
हो पाएगी ज़िंदगी एक दिन हर खुशी
झूठे सारे ख्वाब ...सपनों की नगरी में दिल तो गया था बहल
अब ये जाना कि थे रेत के वो महल
दिल के रस्ते पे करते रहो तुम सफ़र
अगले ही मोड़ पे प्यार का है नगर
ओ आसमां ये ज़मीं कुछ नहीं कुछ नहीं
सच्चे तेरे ख्वाब ...