रहते थे कभी जिन के दिल में, हम जान से भी प्यारों की तरह - The Indic Lyrics Database

रहते थे कभी जिन के दिल में, हम जान से भी प्यारों की तरह

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - ममता | वर्ष - 1966

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रहते थे कभी जिनके दिल में
हम जान से भी प्यारों की तरह
बैठे हैं उन्हीं के कूचे में
हम आज गुनहगारों की तरह
दावा था जिन्हें हमदर्दी का
खुद आ के ना पूछा हाल कभी
महफ़िल में बुलाया है हम पे
हँसने को सितमगारों की तरह
बरसों के सुलगते तन मन पर
अश्कों के तो छींटे दे ना सके
तपते हुए दिल के ज़ख्मों पर
बरसे भी तो अंगारों की तरह
सौ रूप भरे जीने के लिए
बैठे हैं हज़ारों ज़हर पिए
ठोकर ना लगाना हम खुद हैं
गिरती हुई दीवारों की तरह