मेरे दिल में तुउ ही तुउ है - The Indic Lyrics Database

मेरे दिल में तुउ ही तुउ है

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - जगजीत सिंह, चित्रा सिंह | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - भावना | वर्ष - 1984

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चि: (मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ
जग: दिल भी तू है जाँ भी तू है, तुझपे फ़िदा क्या करूँ) -२
दो:मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँचि: खुद को खो के तुझको पाकर क्या-क्या मिल क्या कहूँ
तेरी होके जीने में क्या आय मज़ा क्या कहूँ
जग: कैसे दिन हैं कैसी रातें कैसी फ़िज़ा क्या कहूँ
मेरी होके तूने मुझको क्या क्या दिया क्या कहूँ
चि: मेरे पहलू में जब तू है फिर मैं दुआ क्या करूँ
जग: दिल भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ
दो:मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँजग: है ये दुनिया दिल की दुनिया मिलके रहेंगे यहाँ
लूटेंगे हम खुशियाँ हर पल दुःख न सहेंगे यहाँ
चि: अरमानो के चंचल धारे ऐसे बहेंगे यहाँ
ये तो सपनो की जन्नत है, सब ही कहेंगे यहाँ
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है, दिल से जुदा क्या करूँ
जग: दिल भी तू है जाँ भी तू है, तुझपे फ़िदा क्या करूँ) -२
दो:मेरे दिल में तू ही तू है, दिल की दवा क्या करूँ