अरे आज कन्हय्या देखेंगे नाच मेरी राधा जरा जोरों से - The Indic Lyrics Database

अरे आज कन्हय्या देखेंगे नाच मेरी राधा जरा जोरों से

गीतकार - प्रकाश मेहरा | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - जादूगर | वर्ष - 1989

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कु : अरे आज कन्हैया देखेंगे और नाचेगी राधा
हम आए हैं यार से करके ये पक्का वादा हाँ हाँ ये पक्का वादा
अपना रस्ता रोक सकेगी अब ना कोई बाधा हाँ हाँ अब ना कोई बाधा
अरे आज कन्हैया देखेंगे ...छुन छनानननन छुम छुम छुम अरे हो जाओ शुरु
नाच मेरी राधा ज़रा ज़ोरों से नाच
पूरब से नाच राधा पश्चिम से नाच
उत्तर से नाच राधा दक्षिण से नाच
चारों दिशाओं चारों ओर से नाच
नाच मेरी राधा ज़ोरों से नाच
अ : नाचूँगी बलखा के लहरा के नाच
संग तुम्हारे मुझे काहे की लाज
नाचेगी राधा ज़ोरों शोरों से नाच
कु : नाच मेरी राधा ...राधा आ आ राधा
राधा अपने रूप का ऐसा मन्तर मार
चमत्कार करने वालों का हो जाए बंटाधार
छल वालों को बल से मारो बल वालों को छल से
अ : छल वालों को ...
कितनी भी मुश्किल हो बाज़ी जीत लो यहाँ अक्ल से
कु : हाँ हाँ जीत लो यहाँ अक्ल से
हे उंगली पे जो यहाँ सबको नचाए
हमें इसको नचाना पड़ेगा
हा हा हा हा अक्ल के अंधों को ओ रास्ता दिखाए
उसे रस्ते पे लाना पड़ेगा
अ : हाँ उसे रस्ते पे लाना पड़ेगा
कु : पर्दा उठा नक़ली चेहरों से आज
पहना दे ज़ुल्मों को काँटों का ताज
अ : जिनको है अपने क़रिश्मों पे नाज़
खुल जाए उनके क़रिश्मों का राज़
कु : हाँ चारों दिशाओं चारों ओर ...अ : कृष्णा -४
मैं तेरी कठपुतली कृष्णा जैसे नचाए नाचूँ
तुझमें मैं हूँ मुझमें तू है तेरे बिना मैं क्या हूँ
जो आसमानों में उड़ता फिरे उसे धरती पे लाना पड़ेगा
कु : हाँ खुद को जो भगवान सबका बताए
उसे इन्सां बनाना पड़ेगा
अ : हाँ उसे इन्सां बनाना पड़ेगा
कु : धोखे पे धोखे जो दे धोखेबाज़
कब तक करेगा दिलों पे वो राज
अ : टूटे भरम के रस्म-ओ-रिवाज़
जल जाए छलिया ये छल
कु : हाँ चारों दिशाओं चारों ओर ...बर्बादी-ए-ग़ुलशन की ख़ातिर बस एक ही उल्लू काफ़ी है
हर साख पे उल्लू बैठे हैं अन्जाम-ए-गुलिस्तां का हुइए
अ : अन्जाम-ए-गुलिस्तां जो हुइए ऊ बाद मा देखा जाएगा
शुरुआत भई है अभी अभी अरे मज़ा तो बाद में आएगा