जिसाका जुता उसि का सरो - The Indic Lyrics Database

जिसाका जुता उसि का सरो

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मुकेश | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - गेस्ट हाउस | वर्ष - 1959

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जिसका जूता उसी का सर दिल है छोटा बड़ा शहर
अरे वाह रे वाह तेरी ब.म्बई
खाया धोखा गए जिधर देखो क़िस्मत फेरे किधर
अरे वाह रे वाह तेरी ब.म्बईआ के यहाँ क्या मिल गया जेब कटी और दिल गया
रंग तेरे इस शहर के देख कलेजा हिल गया
माल न सही जान तो बची भाग भाग मिस्टर
जिसका जूता उसी ...मेम फिरे किस आन से साथ है कुत्ता शान से
जानवर से तो प्यार है प्यार नहीं इन्सान से
देख नाज़नीं हम भी हैं हसीं इतना नाज़ न कर
जिसका जूता उसी ...पास में मोटर कार हो बैंक में तीस हज़ार हों
प्यार यहां तब कीजिए माल ये जब सरकार हो
ना तो सूट है ना बूट है देख प्यार से डर
जिसका जूता उसी ...