ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाये - The Indic Lyrics Database

ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाये

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेरे महबूब | वर्ष - 1963

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ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क़ जगाये
बदले मेरी तक़दीर जो तू होश में आये
ये प्यार के नग़्मे ये मोहब्बत के तराने
तुझको बड़े अरमान से आया हूँ सुनाने
उम्मीद मेरे दिल की कहीं टूट ना जाए
साज़-ए-दिल-ए-खामोश में एक सोज़ जगा के
तू भी मेरी आवाज़ में आवाज़ मिल दे
आया हूँ तेरे दर पे बड़ी आस लगाए
ऐ शम्मा तू आजा ज़रा चिलमन से निकल के
हसरत है कि रह जाऊँ तेरी आग में जल के
परवाना वो क्या तुझपे जो मिटकर ना दिखाए