बंधन बजाई ढोल सात सहेलियां खड़ी खड़ी - The Indic Lyrics Database

बंधन बजाई ढोल सात सहेलियां खड़ी खड़ी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - साधना सरगम, किशोर कुमार, अनुराधा, अलका याज्ञनिक, हेमलता, पद्मिनी, शिवांगी कोल्हापुरे, कंचन | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - | वर्ष - 1982

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कि : बन्धुओं बजाईए ढोल बजाइए बाजा
हाँ तो सज्जनों सुनो सहेलियों की कहानी
एक नहीं दो नहीं तीन नहीं चार नहीं
पाँच नहीं छः नहीं हाँ अरे ही ही हीसात सहेलियाँ खड़ी-खड़ी
फ़रियाद सुनाएँ घड़ी-घड़ी
को : होय सात सहेलियाँ ...कि : एक सहेली का मियाँ था doctor
को : मियाँ था doctor-२
कि : कहने लगी
को : क्या कहने लगी
कि : अरे कहने लगी
अनु : ओ हाय हाय अरे सच-सच मैं कहती हूँ सुन लो सभी
कि : सुन लो सभी
अनु : अरे doctorकी बीवी न बनना कभी
कि : ना बनना कभी
अनु : ( रात भर मुआ ) -२ सोने न दे
injectionलगाए घड़ी-घड़ी
कि : अरे सात सहेलियाँ ...एक सहेली का मियाँ था driver
को : मियाँ था driver-२
अल : सच-सच मैं कहनी हाँ सुण लो सभी
कि : ओय सुण लो सभी
अल : driverकी बीवी ना बनना कभी
कि : ना बनना कभी
अल : ( हाँ रात भर मोया ) -२ सोने न दे
भोंपू बजाए घड़ी-घड़ी -२
कि : अरे सात सहेलियाँ ...एक सहेली का मियाँ था दर्ज़ी
को : मियाँ था दर्ज़ी -२
कि : दर्ज़ी की भी सुन लो मर्ज़ी
प : हो सच-सच मैं कहती हूँ सुन लो सभी
कि : सुन लो सभी
प : दर्ज़ी की बीवी ना बनना कभी
कि : ना बनना कभी
प : ( हाँ रात भर मुआ ) -२ सोने न दे
टाँका लगाए घड़ी-घड़ी -२
कि : अरे सात सहेलियाँ ...एक सहेली का मियाँ था dancer
को : मियाँ था dancer-२
सा : ( रात भर मुआ ) -२ सोने न दे
ता ता थैया करावे घड़ी-घड़ी -२
कि : अरे सात सहेलियाँ ...ऐ साहिबाँ हाँ-हाँ
एक सहेली का मियाँ शराबी
को : मियाँ शराबी
कि : हे michealकी दारू झटका देती है -२
शि : ( रात भर मका ) -२ सोने न दे
बोतल दिखाए घड़ी-घड़ी -२
कि : अरे सात सहेलियाँ ...एक सहेली का मियाँ था डाकिया
को : मियाँ था डाकिया
हे : आ सच-सच मैं बोलूँ जी सुण लो सभी
कि : सुण लो सभी
हे : डाकिए की बीवी न बणियो कभी
कि : न बणियो कभी
हे : अरे रात भर मने राम रो
रात भर मुआ सोवण ना दे
ठप्पो लगावे घड़ी-घड़ी -२
कि : अरे सात सहेलियाँ ...आहा आली रे आली कोल्हापूर वाली ही ही
कं : अईगो
एक सहेली का मियाँ कोल्हापुरी
को : मियाँ कोल्हापुरी -२
कि : अरे आईका हो आईका
ओ घोडो.म्बा अरे ओ पाँडोबा -२
पोरगी फसली रे फसली ही ही ही ही
कं : रात भर मका सोने न दे
चप्पल दिखाये घड़ी-घड़ी -२
कि : ओ पाँडूरंगा
अरे सात सहेलियाँ ...