अपनि निगाह ए शौक के अरे मैंने तुझाको चाहा - The Indic Lyrics Database

अपनि निगाह ए शौक के अरे मैंने तुझाको चाहा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - प्रेम पुजारी | वर्ष - 1970

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अपनी निगाहे शौक
के काबिल बना दिया
हमको दूवये दो
तुम्हे कातिल बना दिया

अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी

मैंने बदल डाला
तेरी तकदीर को
रंगो से भर
डाला खली तस्वीर को
मैंने बदल डाला
तेरी तकदीर को
रंगो से भर
डाला खली तस्वीर को
रंगो से भर
डाला खली तस्वीर को
बना डाली मैंने
तेरी जिंदगानी
अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी

तू खूबसूरत है तेरा ख्याल है
जा मेरी आँखों का
यह सब कमाल है
तू खूबसूरत है तेरा ख्याल है
जा मेरी आँखों का
यह सब कमाल है
मेरे प्यार ने दी
है तुझको जवानी
अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी

महलों में होगी बहुत धक् तेरी
गलियों में वार्ना कदर कक तेरी
महलों में होगी बहुत धक् तेरी
गलियों में वार्ना कदर कक तेरी
के मई ाग हु ाग हु तू है पानी
अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
अरे मैंने तुझको चाहा
यह है मेरी मेहरबानी
मई गलियो का राजा
तू महलों की रानी
मई गलियो का राजा राजा
तू महलों की रानी.