जिंदगी जिंदगी जिंदगी कब तुम को देखा हैं - The Indic Lyrics Database

जिंदगी जिंदगी जिंदगी कब तुम को देखा हैं

गीतकार - सूरज सनिम | गायक - अमित कुमार | संगीत - अजीत वर्मन | फ़िल्म - जनम | वर्ष - 1985

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ज़िंदगी, ज़िंदगी, ज़िंदगी-२(कब तुम को देखा है-२), तारों के संग
फूलों के रंग में, तुम को पाना है
ये मैंने ठाना है, तुम को पाना है
ये मैंने ठाना है, अपने घर लाना है
ये मैंने ठाना हैतुम मेरे साथ हो, मैं तेरे साथ हूँ
वो ज़मीन साथ है, आसमान साथ है
ये भीगा भीगा जिस्म, ये भीगी आरज़ू
ज़िन्दगी मिल गयी, ज़िन्दगी है सौदागर
देती है कुछ लेने के बाद
दी बहार मुझ को मगर फिर
ली चमन रखने के बाद
संग के संग, लहू के रंग में
तुम को पाना है, तुम को पाना हैज़िन्दगी ...