हदसे क्या क्या तुम्हारी बेरुकी से हो गये - The Indic Lyrics Database

हदसे क्या क्या तुम्हारी बेरुकी से हो गये

गीतकार - सगर सिद्दीकी | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली, रफीक हुसैन | फ़िल्म - महराब (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1994

View in Roman मरहले ऐ मेरी कुछ आवारगी से हो गये
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हादसे क्या क्या तुम्हारी बेरुख़ी से हो गये
सारी दुनिया के लिये हम अजनबी से हो गयेकुछ तुम्हारे गेसुओं की बरहमी ने कर दिये
कुछ अन्धेरे मेरे घर में रोशनी से हो गयेगर्दिश-ए-दौराँ ज़माने की नज़र आँखों की नींद
इतने दुश्मन एक रस्म-ए-दोस्ती से हो गयेबन्दा परवर खुल गया है आस्तानों का भरम
हम असीर-ए-दाम-ए-गुल अपनी ख़ुशी से हो गयेहर क़दम 'साग़र' नज़र आने लगीं हैं मंज़िलें
मरहले ऐ मेरी कुछ आवारगी से हो गये