हम ग़रीबों का भी पूरा कभी अर्माँ कर दे - The Indic Lyrics Database

हम ग़रीबों का भी पूरा कभी अर्माँ कर दे

गीतकार - शम्स लखनवी | गायक - सुरैया | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - शाम | वर्ष - 1946

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हमें छोड़ पिया किस देस गए

हमें छोड़ पिया किस देस गए

पिया लौट के आना भूल गए

मुरझा गैइं होंठों की कलियां

हम हँसना हँसाना भूल गए

सो जतन से प्रीत लगाई थी

ये दुनिया सोग बनाई थी

क्यों प्रीत लगाना याद रहा

क्यों प्रीत निभाना भूल गए

हमें छोड़ पिया किस देस गए

रोते रोते बरसात गैइ

सुन्दर सुन्दर हर रात गई

उजड़े हुए इस घर में अकसर

हम दीप जलाना भूल गए

हमें छोड़ पिया किस देस गए

हम आँख से ओझल होते थे

तुम सौ सौ आँसू रोते थे

हम सौ सौ आँसू रोते हैं

तुम मुख दिखलना भूल गए

हमें छोड़ पिया किस देस गए