दम है बाक़ी तो ग़म नहीं - The Indic Lyrics Database

दम है बाक़ी तो ग़म नहीं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोसले | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - हाउस नंबर 44 | वर्ष - 1955

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दम है बाक़ी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं
आँख वो क्या दिल ही वो क्या
जो न करे कोई ख़ता
हाथ बढ़ा साज़ उठा
दुनिया का ग़म करे अपनी बला
दम है बाक़ी तो ग़म नहीं
कल के लिए आज न डर
दिल से मिटा ग़म का असर
सोच न कर आह न भर
आँखों में बसेरा कर, दिल में उतर
रुत है जवाँ, वक़्त हसीं
जश्न रहे आज यहीं
कल का यकीं हमको नहीं
थम ही न जाए कहीं घूमती ज़मीं