दमभर जो उधर मुँह फेरे, ओ चंदा - The Indic Lyrics Database

दमभर जो उधर मुँह फेरे, ओ चंदा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - आवारा | वर्ष - 1951

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दम भर जो उधर मुँह फेरे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी
दिल करता है प्यार के सजदे, और मैं भी उन के साथ
चाँद को चंदा रोज ही देखे, मेरी पहली रात
बादल में अब छुप जा रे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी
दमभर जो इधर मुँह फेरे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगा, नज़रें तो चार कर लूँगा
मैं चोर हूँ काम है चोरी, दुनिया में हूँ बदनाम
दिल को चुराता आया हूँ मैं, यही मेरा काम
आना तू गवाही देने, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगा, नज़रें तो चार कर लूँगा
दिल को चुरा के खो मत जाना, राह न जाना भूल
इन कदमों से कुचल न देना मेरे दिल का फूल
ये बात उन्हे समझा दे, ओ चंदा
मैं उन से प्यार कर लूँगी, बातें हज़ार कर लूँगी