तुम भी चलो, हम भी चले - The Indic Lyrics Database

तुम भी चलो, हम भी चले

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सपन चक्रवर्ती | फ़िल्म - ज़मीर | वर्ष - 1975

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तुम भी चलो, हम भी चलें, चलती रहे ज़िन्दगी
ना ज़मीं मंज़िल ना आसमां, ज़िन्दगी है ज़िन्दगी
पीछे देखे ना, कभी मुड़ के राहों में
झूमे मेरा दिल तुम्हे ले के बाँहों में
धड़कनों की जुबां, नित कहे दास्तां
प्यार की झिलमिल छाँव में पलती रहे ज़िन्दगी
बहते चलें हम मस्ती के धारों में
गूँजे यही धुन सदा दिल के तारों में
अब रुके ना कहीं, प्यार का कारवाँ
नित नई रुत के रंग में ढलती रहे ज़िन्दगी