ऐ अजनबी, तू भी कभी आवाज दे कहीं से - The Indic Lyrics Database

ऐ अजनबी, तू भी कभी आवाज दे कहीं से

गीतकार - गुलजार | गायक - महालक्ष्मी - उदित नारायण | संगीत - ए. आर. रहमान | फ़िल्म - दिल से | वर्ष - 1998

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पाखी पाखी परदेसी
पाखी पाखी परदेसी
ऐ अजनबी, तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
रोज रोज रेशम सी हवा
आते जाते कहती है बता
वो जो दूधधूली, मासूम कली
वो है कहाँ, कहाँ है
वो रोशनी कहाँ है
वो जान सी कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है
तू तो नहीं है लेकिन तेरी मुस्कुराहटें हैं
चेहरा कहीं नहीं है, पर तेरी आहटें हैं
तू है कहाँ, कहाँ है
तेरा निशाँ कहाँ है
मेरा जहां कहाँ है
मैं अधूरा, तू अधूरी जी रही है