मन तरपत हरी दर्शन को आज - The Indic Lyrics Database

मन तरपत हरी दर्शन को आज

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बैजू बावरा | वर्ष - 1952

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हरी ओम, हरी ओम, हरी ओम, हरी ओम
मन तरपत हरी दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगरे सगरे काज
बिनती करत हूँ, रखियो लाज
तुमरे द्वार का मैं हूँ जोगी
हमरी ओर नज़र कब होगी
सुनो मोरे ब्याकूल मन का बाज
बिन गुरु ज्ञान कहाँ से पाऊँ
दिजो दान हरी गुण गाऊँ
सब गुणी जन पे तुमरा राज
मुरली मनोहर आस ना तोडो
दुख भंजन मोरा साथ ना छोड़ो
मोहे दर्शन भिक्षा दे दो आज