पालकों के पिछे से क्या तुमने कह डाला - The Indic Lyrics Database

पालकों के पिछे से क्या तुमने कह डाला

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1969

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र: पलकों के पीछे से क्या तुमने कह डाला
फिर से तो फ़रमाना
ल: नैनों ने सपनों की महफ़िल सजाई है तुम भी ज़रूर आना
र: पलकों के पीछे से क्या तुमने कह डाला
फिर से तो फ़रमाना(र: तौबा मेरी तौबा
मुश्किल था एक तो पहले ही दिल का बहलना
आफ़त फिर उसपे लट में तुम्हारा
मुखड़ा छुपा के चलना )-२
ल: ऐसे न बोलो पड़ जाए मुझको, शरमाना
र: पलकों के पीछे से ...(ल: दुनिया ना देखे धड़के मेरा मन रस्ता सजन मेरा छोड़ो
तन थरथराए उँगली हमारी देखो पिया न मरोड़ो )- २
र: यूँ ना सताओ मुझको बनाके, दीवाना
र: पलकों के पीछे से ...(र: बच बच के हमसे ओ मतवाली है ये कहाँ का इरादा
नाज़ुक लबों से फिर करती जाओ
मिलने का कोई वादा )- २
ल: दिल ये मेरा घर है तुम्हारा, आ जाना
र: पलकों के पीछे से ...