दौलत मिली जहाँ की नाम ओ निशान मिले - The Indic Lyrics Database

दौलत मिली जहाँ की नाम ओ निशान मिले

गीतकार - संत दर्शन सिंह जी महाराज | गायक - गुलाम अली | संगीत - अल्लाहुद्दीन खान | फ़िल्म - कलाम-ए-मोहब्बत (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

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दौलत मिली जहान की नाम-ओ-निशाँ मिले
सब कुछ मिला हमें न मगर महरबाँ मिलेहमको ख़ुशी मिली भी तो बस आरीज़ी मिली
लेकिन जो ग़म मिले वो ग़म-ए-जाविदाँ मिलेफिर क्यूँ करे तलाश कोई और आस्ताँ
वो ख़ुशनसीब जिसको तेरा आसताँ मिलेनज़रें तलाश करती रहीं जिनको उम्र भर
'दर्शन' को वो सुकून के लम्हे कहाँ मिले