हम तुम ये बहार देखो रंग लाया प्यार - The Indic Lyrics Database

हम तुम ये बहार देखो रंग लाया प्यार

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - अंबर | वर्ष - 1952

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र : ( हम-तुम ये बहार
देखो रंग लाया प्यार
बरसात के महीने में
ल : रिमझिम ये फुहार
दिल गाये रे मल्हार
इक आग लिये सीने में ) -२दो : हो
र : हो
ल : हो
र : ( तेरी ज़ुल्फ़ों की ये रंगत है
जो बादल बनके छाई है ) -२
जो बादल बनके छाई है
ल : तेरी आँखों की ये मस्ती है
जो सावन बनके आई है
र : मेरा दम जब तक
रहे प्यार की चमक
मेरे दिल के नगीने में
हम-तुम यह बहार ...
ल : रिमझिम ये फुहार
दिल गाये रे मल्हार
इक आग लिये सीने मेंल : ओ
र : ओ
ल : ( दुनिया को हमारी हो न ख़बर
आँखों में इशारे हो जायेँ ) -२
आँखों में इशारे हो जायेँ
र : उलफ़त भी चले ऐसा जादू
दुश्मन भी हमारे हो जायेँ
ल : ग़म दिल से हो दूर
ना हो कोई मजबूर
फिर आये मज़ा जीने में
दो : रिमझिम ये फुहार
दिल गाये रे मल्हार
इक आग लिये सीने मेंहम-तुम ये बहार
देखो रंग लाया प्यार
बरसात के महीने में
रिमझिम ये फुहार
दिल गाये रे मल्हार
इक आग लिये सीने में
हो
हो