प्रीतम आन मिलो दुखिया जीवन कैसे बिताउन - The Indic Lyrics Database

प्रीतम आन मिलो दुखिया जीवन कैसे बिताउन

गीतकार - गुलजार | गायक - सपन चक्रवर्ती | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - अंगूर | वर्ष - 1981

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प्रीतम आन मिलो
दुखिया जीवन कैसे बिताऊँ
प्रीतम आन मिलोरात अकेले डर लगता है
जंगल जैसा घर लगता है
चलती हैं जब तेज़ हवाएं
लहराता hunterलगता है
कितने hunterखाऊँ
दुखिया जीवन कैसे बिताऊँ ...बिरहा में कोई बोल रहा है
पीड़ा का रस घोल रहा है
फिर से जान लबों पर आयी
फिर कोई घूँघट खोल रहा है
मुखड़ा कैसे चुपाऊँ
दुखिया जीवन कैसे बिताऊँ ...