दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है - The Indic Lyrics Database

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है

गीतकार - समीर | गायक - नुसरत फतेह अली खान | संगीत - नदीम - श्रावण | फ़िल्म - धड़कन: | वर्ष - 2000

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शहनाइयों की सदा कह रही है
ख़ुशी की मुबारक घडी आ गई है
सजी सुर्ख़ जोड़े में चाँद से दुल्हन
ज़मीं पे फलक से परी आ गयी है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
पल भर में कैसे बदलते हैं रिश्ते
अब तो हर अपना बेग़ाना लगता है
सात फेरों से बंधा जन्मों का ये बंधन
प्यार से जोड़ा है रब ने प्रीत का दामन
हैं नई रस्में, नई कसमें, नई उलझन
होंठ हैं खामोश लेकिन कह रही धड़कन
मुश्किल अश्कों को छुपाना लगता है
मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल
जा रही हूँ छोड़ के तेरी गली बाबुल
खूबसूरत ये ज़माने याद आएँगे
चाह के भी हम तुम्हे ना भूल पाएँगे
मुश्किल दामन को छुड़ाना लगता है