सब जवां सब हसीन कोई तुमसा नहीं - The Indic Lyrics Database

सब जवां सब हसीन कोई तुमसा नहीं

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लच्छी राम | फ़िल्म - मैं सुहागन हूं | वर्ष - 1964

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सब जवाँ सब हसीं कोई तुमसा नहीं -२
हो गए जिसके हम वो तुम्हीं हो तुम्हीं
सब जवाँ सब हसीं ...देखा जो तुम्हें महसूस हुआ पहचान है अपनी मुद्दत से
ख़्वाबों में बसी थी जो सूरत मिलती है तुम्हारी मूरत से -२
सब जवाँ सब हसीं ...रस्ता भी मिले मंज़िल भी मिले जब साथ चले दीवाने दो
या हाथ पकड़ लो बढ़के तुम्हीं या मुझको क़रीब आ जाने दो
ये सितम कब तलक़ तुम कहीं हम कहीं
सब जवाँ सब हसीं ...कुछ जान के भी धोखा खाया कुछ देखे उनके इशारे भी
लो आस की बदली में चमके उम्मीद के चाँद सितारे भी
हो गई आज पूरी दिल की कमीं
सब जवाँ सब हसीं ...