मेरे माही दा रंग जुगनी जुगनी - The Indic Lyrics Database

मेरे माही दा रंग जुगनी जुगनी

गीतकार - समीर | गायक - सुखविंदर सिंह, अनुराधा पौडवाल, जसपिंदर नरूला, अनामोल मलिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - बादल | वर्ष - 2000

View in Roman

हो मेरे माही दा रंग सुनहरा लगे है
ये चाँद भी तेरा चेहरा लगे है होनींद गई चैन गया प्यार जगा दर्द उठा
बात बढ़ी किसको पता किसको ख़बर
इश्क़ हुआ इश्क़ हुआ इश्क़ हुआहो आँखों के रस्ते दिल में उतर के ले गई मेरी जान
होय जुगनी जुगनीबिंदी वाली चूड़ी वाली जूड़े वाली बाली वाली
काली काली आँखों वाली दिल ले गई
नीले पीले पट्टे वाली रेशम दुपट्टे वाली
मीठी मीठी बातों वाली दिल ले गई
हो तेन्हूं पिएंगे नसीब वाले मिनसे दी ये बंद बोतलें
हो तेरे चेहरे से दो तिल काले मिनसे दी बंद बोतलें
हो मेरे दिलदार मुलाक़ात ज़रा होने दे
चोरी चोरी ही सही बात ज़रा होने दे
हो अंधेरी रातों में बिजली के जैसी है इसकी मुस्कान
जुगनी जुगनी ...मैं दीवाना तू दीवानी मैं मस्ताना तू मस्तानी
यूं मेरे ख्वाबों की रानी क्या कर गई
तूने देखा मैने देखा तूने सोचा मैने सोचा
तूने चाहा मैने चाहा तू मर गई
यारी हार गई यारी हार को मुंडे सा ना मिलाइये
कि इक्को जिया जोड़ लगदा
हो टूट पैरों जवानी तड़पावे
कि इको जिया जोड़ लगदा
हो बेकरारी में भी मुझको करार आ जाए
तू जो हँस दे तो फ़िज़ां में बहार आ जाए
हो तेरी अदा पे तेरी हया पे मैं हुआ क़ुर्बान
जुगनी जुगनी ...