मुहब्बत चूमे जिनके हाथ - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत चूमे जिनके हाथ

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, शमशाद | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आन | वर्ष - 1952

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मुहब्बत चूमे जिनके हाथ
जवानी पाओं पड़े दिन रात
सुने फिर, है, सुने फिर है वो किसकी बात
आ, आ आ
एक तो सुन्दर मुखड़ा उनका उसपर लाख अदाएं
हम अपने दिल को कहाँ ले जाएं
अकेले दूर खड़े ललचाएं
चाँद सितारे ए
चाँद सितारे, मस्त नज़ारे सब हैं उन्हीं के साथ
मुहब्बत चूमे जिनके हाथ
शमशाद बेग मुहब्बत चूमे जिनके हाथ किसकी बात
रूप नगर से आकर चन्दा उनका रूप चुराए
मेरा मन देख देख रह जाये
भला ये बात मुझे क्यों भाये
नैनों में उनकी आए
नैनों में उनके काजल बनके
रहे सुहानी रात
मुहब्बत चूमे